Apsara Sadhana: Proven Techniques for Achieving Divine Connection

Apsara Sadhana

Table of Contents

  1. Introduction to Apsara Sadhana
  2. Caution and Guidelines for Apsara Sadhana
  3. Materials Needed for Apsara Diksha
  4. अप्सरा ने मुझे जब सिद्ध सिक्का दिया (एक गुप्त अनुभव)
  5. Conclusion: The Power and Potential of Apsara Sadhana

Introduction to Apsara Sadhana

Apsara Sadhana is a deeply transformative spiritual practice that allows a seeker to invoke and connect with an Apsara—a celestial nymph known for her unparalleled beauty and divine powers. Engaging in this Sadhana can lead to extraordinary benefits, both material and spiritual, but it is not a path for the faint-hearted. Understanding the intricacies of Apsara Sadhana, including its challenges and rewards, is crucial before embarking on this journey.


Caution and Guidelines for Apsara Sadhana

Apsara Sadhana should be approached with utmost respect and seriousness. If you are considering this Sadhana, you must understand the following guidelines and precautions to ensure a successful and safe experience:

  1. Duration of Apsara’s Assistance: You can bind an Apsara to assist you for a maximum of five years. After this period, she will no longer be obligated to follow your commands, and you may need to perform the Apsara Sadhana again to attract another Apsara.
  2. Purpose of Apsara Sadhana: The goal of this practice is to manifest your desires into reality, but only with pure intentions. Misusing this Sadhana can lead to negative consequences.
  3. Sadhana Completion: It is crucial to complete the Sadhana without interruption. Incomplete practices can attract malevolent spirits masquerading as Apsaras.
  4. Avoid Malevolence: Never engage in Apsara Sadhana with ill intentions, as it can negatively impact the results.
  5. Dietary Restrictions: Maintain a vegetarian lifestyle throughout the 11-day practice to ensure internal purification.
  6. Sadhana Timing: The practice requires you to remain awake from 9 PM to 5 AM and must be done continuously for 11 days. Missing even one day requires starting over.
  7. Preparation: Before starting, take a bath using rock salt to cleanse yourself internally and externally.
  8. Suitable Attire: You are free to wear anything you are comfortable in during the Sadhana; there is no strict dress code.
  9. Special Recommendations: Performing the Sadhana on a Friday night can help attract positive energies into your life.

By adhering to these guidelines, you can ensure a more effective and positive outcome from your Apsara Sadhana.

Gurudev disclosing secrets of Apsara Sadhana

Materials Needed for Apsara Diksha

Before you embark on the Apsara Sadhana, it is important to have diksha from Sadgurudev Shri Taramani Ji thus gather the necessary materials to ensure success. The following items are essential:

  • 2 liters of pure mustard oil for the lamp at the temple of Lord Bhairava.
  • A crystal rosary (Sphatik Mala) with clean beads.
  • A pouch (Gomukhi) for holding the rosary.
  • A small quantity of sweets, ranging from 100 grams to 1 kilogram.
  • A small bottle of jasmine oil.
  • A clay lamp (Diya), cotton wicks, and enough oil to keep the lamp burning for one hour.

These materials should be of the highest quality to honor the divine energies you will be invoking.


अप्सरा ने मुझे जब सिद्ध सिक्का दिया (एक गुप्त अनुभव)

आपके जीवन में अनेकोनेक घटनाएं पल प्रति पल घटित होती हैं उनमें अनेकों भुला दी जाती है किंतु कुछ बहुत गहरे उतर जाती है जिसका प्रभाव आपके जीवन पर्यंत ही नही कई कई जन्मों तक खिंचा चला जाता है । ऐसे अनेक अत्यंत उपयोगी व महत्वपूर्ण अनुभवों की श्रंखला से आपके समक्ष सभी साधकों के प्रेरणा हेतु ईश्वरीय आज्ञा से आपके साथ साझा करने का भाव प्रस्तुत कर रहा हूँ।


एक समय जिन दिनों मेरा संसारिकों संग मेल मिलाप असंभव था और मैं बालकपन में अपनी साधना की गहराइयों को एकत्रित कर रहा था ,मैं मेरी विभिन्न तपस्यास्थलियों में से एक अत्यंत दिव्य गुप्त स्थल भैरवगढ़ी ,जो मेरी अत्यंत गुप्त साधनाओं का साक्षी रहा है जहां साक्षात भगवान कालभैरव विराजमान हैं वहां पर गुप्तता व मौन धारण किये दिन रात से अनजान इष्ट भगवान भैरव नाथ के गणों मध्य अनेकोनेक लोकों में विचरण किया करता और अत्यंत गुप्त रहस्यों को विशालकाय नयनों से अवाक ग्रहण करता चलता था।

इसी समय एक मुख्य गण जिनसे मेरी मित्रता अत्यंत भावुकतापूर्ण हो चुकी थी ,उनसे उत्सुकतावश अप्सराओं के रहस्य को जानने की अभिलाषा उनके सम्मुख प्रस्तुत करी ,उसी पल एक तीव्र अलौकिक सुगंध से अंतर्मन में एक भिन्न शांति प्रदान करने की तरंग तैर गई ,एक दिव्य गुलामी सी छटा बिखर गई आकाश में पृथ्वी अनेकोनेक अद्वितीय भिन्न कालिक बेल व वृक्षों से लद गई। उन बेलों से पल पल नवीन पुष्प खिल के सुगंध में परिवर्तित होते जा रहे थे और प्रत्येक परिवर्तन के तुरंत बाद एक नवीन भिन्न रंग रूप सुगंध का पुष्प खिल के जैसे दिव्य हँसी बिखेर रहे थे ।

वो सुगन्ध उस गुलाबीपन को और मादक बना रही थी ।मेरे प्रत्येक तंतुओं में जैसे कोई नवीनता लेके संगीतकार कोई दिव्य राग छेड़ रहा हो । उस धीमी सुगन्ध से तंतुओं में होने वाली मद्धम बंसीधुन की सीढ़ियों पर अपने कोमल सुरों से भी गुह्य ध्वनियों से पदताल रखती हुई प्रकटीकरण की ध्वनियों से सातों छिद्रों से राग छेड़ कर प्रथम अपने दिव्य चरण कमलों का दर्शन दिया । मेरी दृष्टि उन पर पड़ने से ही फिसल रही थी,इतना दिव्यतम शुद्ध संगीतमयी चरण कमल अत्यंत पूजनीय था अतः मैंने प्रणाम अर्पित करा ।इतनी दिव्य अलौकिक प्रक्रियाओं से बाहर कभी कोई नही आना चाहता है किन्तु उसी पल मेरे मित्रवत गण के अट्ठहास नें पल में मधुर सौम्य दृश्य में जैसे मृदङ्ग की जोरदार चोट का सहयोग किया हो।

किन्तु उस अट्टाहास से इस अप्सरा के ताल में राग में मादकता में बेहोशी की अपेक्षा सजगतापूर्वक द्रश्यमान दर्शनीय दिव्यतापूर्ण अनुभवों में आनंद अपने चरम पर जाने लगा। तभी अप्सरा के सौम्य बंसी की कोमल सुरों संग अट्टहास के मृदङ्ग संग अप्सरा के घुंघुरुओं के छम छम छम छम ,ने अपनी दस्तक दी कहती हुई कि अभी कुछ और सुदूरवर्ती कंदराओं से गंग धार फूटने को है और वो चढ़ती हुई अंतिम हस्त कमल मुद्राओं को माध्यम बना अंतिम नाड़ियां तोड़ बिखर गई गुप्त गुह्य कंदराओं से बाहर बिखेर सब शांत कर ,उसने नमन कर मेरे समक्ष गहरे नीले विशाल नेत्रों से मुझे भौतिक त्वचा पर दृष्टिपात कर भरपूर जोश का आनंद सजग मादकता से पिला दिया ।

उस पल होने वाले भीतरी बाहरी परिवर्तनों से सजगता से अनभिज्ञ हो सभी स्वीकार्य की स्थितियों में उसको उसके मेरे समीप बढ़ते हुए कोमल सुरों से भी अत्यंत कोमल हाथों को मेरे पास बहते हुए जैसे योगी अपने ईश्वर से मिलने को प्रतीक्षा में निष्क्रियतापूर्ण अनंत काल के पार चला जाये और सजगता होते हुए भी असजग होते हुए का द्रष्टा हो। कंधे पर से उस बहते हुए हाथों को सरकते हुए मेरी हथेलियों पर आना जैसे जल की बूंद का पृथ्वी छूने पर घुल के मिल जाना इतना आश्चर्यजनक रूप से अवाकमय कोमल हाथ में हाथों घुल के सब दृश्य जैसे अब अपनी नृत्यशाला अपने संगीतज्ञ के संग समेटने के इशारे दे रहा हो।सब घुलनशील हो रहा बस एक चमकती किसी गोलनुमा कड़क आभास के मेरे हथेलियों में।सब दृश्य घुलने के पूर्व ही उस गोल आकार के सुनहरे मुद्रा रूप एक सिक्के को हाथ में पाकर पुनः अट्टहास से सिक्के की खनखनाहट को हथेलियों ने आभास किया और अंतिम ध्वनि “यह आपका है देव” सुनते ही सब शांत हो गया ।

Apsara Sadhana
Imaginative Depiction of Apsara

बहुत ही शांत दिव्य प्रकाश संश्लेषण मेरी ऊर्जाओं में होता दृश्य हुआ पुनः उस सिक्के पर दृष्टि पात करते ही उसमें साक्षात रुद्र अथवा भैरव अथवा शिव के दिव्य रूप उकेरे हुए आकाशीय प्रकाश फेंक रहे थे ।मेरे गण मित्र ने सिक्के को प्रणाम करा और मुझसे प्रभावित हो मौन ही मेरे बेहोशी भरे चित्त को सजग करने के प्रयास में आगे की ओर लेके चला।

आज भी वर्षों पुराना दिव्य अप्सरा प्रदत्त भैरव सिक्का मेरे प्राणों के समीप है और उसको कभी किसी पल देखने से ही मात्र अप्सराओं के दिव्य नृत्य ध्वनियाँ सुगन्धों की मधुर बौछार प्रारम्भ हो जाती है और सभी ओर नवीनतम दिव्यता प्रसारित होने लगती है। हृदय उमंग प्रफुल्लता से अकारण ही भर जाता है।अनेक सांसारिक कर्मों की सिद्धि में सहायक यह सिक्का बालकपन में मेरे द्वारा प्रयोग किया गया जिसके फलस्वरूप त्वरित भान हुआ कि दिव्यताओं का प्रयोग दिव्यताओं हेतु ही सार्थक है न कि सांसारिक हेतु।

Experience of a disciple

यह वास्तविक अनुभव मात्र समाज में फैली हुई असत्य कहानियों को उखाड़ फेंकने के लिए अत्यंत आवश्यक होने के कारण भगवान भैरव के आज्ञा से आपके समक्ष प्रस्तुत किया है ।
सम्भव हो उपरोक्त भाषा में कुछ न समझ पाए क्योंकि यह अनुभव बताते हुए मेरे समक्ष अप्सरा का दिया हुआ दिव्य भैरव सिक्का है और हाव भाव दशा छटा सब वैसा ही हो गया है ।

इन्ही सब अनुभवों के आधार पर समय समय पर साधकों के जीवन को प्रफुल्लता से भरने के लिए श्री काल भैरव आश्रम में जो कि लखनऊ में है में अप्सरा दीक्षा शिविर लगते रहते हैं ।


Conclusion: The Power and Potential of Apsara Sadhana

Apsara Sadhana is a profound spiritual practice that offers a unique opportunity for transformation. By adhering to the guidelines and understanding the depth of this Sadhana, you can unlock its full potential. Whether you seek material success or spiritual growth, the disciplined practice of Apsara Sadhana can pave the way for remarkable experiences and revelations.

However, it is crucial to approach this practice with respect, pure intentions, and unwavering commitment. The divine connection you establish through Apsara Sadhana can be a life-changing experience, offering insights and benefits that extend far beyond the physical realm.

Looking for more information? To understand more about Apsara Sadhana please get in touch with Sadgurudev Shri Taramani Ji

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Sadgurudev Shri Taramani Ji

Enlightened Guru of our times. Beloved to his disciples. Expert in Tantra, Mantra, Meditation, Astrology.

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