वैसे तो अक्सर ही मेरे संपर्क में ऐसे पीड़ित आते हैं जो किसी न किसी परिजन के शरीर छूटने के पश्चात परेशान रहते हैं और उनकी परेशानी के निवारण के माध्यम बनने के बाद उनके सुख व आनन्द के क्षणों को जब उनके साथ साझा करता हूँ तो अत्यंत आनंद आभास करता हूं । ऐसे ही एक पीड़ित से भेंट दुगड्डा ,उत्तराखंड के पहाड़ी किनारे नहर तट प्रकृतिमय आनंद के क्षणों में हुई।वो व्यक्ति पास ही के प्राकृतिक जल स्रोत से अपनी प्यास बुझा आस पास चहल कदमी कर रहे थे ,मेरी वेश भूषा इत्यादि देख नीचे नहर तट पर उतर कर मुझे मेरे व प्रकृति के मध्य हो रहे मौन संवाद को अवरुद्ध करने की क्षमा मांगते हुए धीरे से कहा मैं मनोज।उस आयाम के नृत्यों सहसा जैसे ही उस पर दृष्टि गई तो उस व्यक्ति के पीछे तीन पारलौकिक जगत की आत्माएं बहुत ही दुखी ऊर्जा लिये विलाप करती दिखीं।देखना मनोज को हो रहा किंतु मैं लग गया इन तीनो से संवाद में और जो भी वार्ता हुई उस से इस मनोज के मेरे इस अचानक मिलने की भैरव मंशा का पता लग चुका था।इसी बीच मनोज अपना परिचय और परेशानी भी बताता जा रहा था ।उसकी आर्थिक ,शारीरिक व मानसिक स्थिति काफी समय से खराब थी और बीच बीच मे स्वप्न में उनको उनके पिता माता और दादा जी सपने में उसके सामने आके रोते थे उसी समय से इनकी स्थिति खराब होती चली गई और 5 वर्षों से बहुत ज्यादा परेशान हैं और पूर्ण दुखी भाव से गर्दन झुके हुए बहते अश्रु को मैने पोंछते हुए उनको गले लगाया और ढांढस बंधाया की सब ठीक होगा।आपके पितर दुखी हैं पीड़ित हैं उनका श्राद्ध कर्म इत्यादि कई वर्षों से नही कराया जा रहा है और आपका पूरा परिवार अपने पितरों की उलाहना की पराकाष्ठा पार कर चुका है। उसी रात्रि आने का उनके पितरों को मैने उसी समय निमंत्रण दिया और इनको अपने स्थान पर आगे की पूजा इत्यादि के लिए ले गया।रात्रि में कालभैरव होम के पश्चात जब मनोज के पितरों को तंत्र की मेरी कुछ गुप्त पद्दत्तियो के माध्यम से आगे की यात्रा का मार्ग जब खुला तो एक तीव्र ऊर्जा पुंज से मनोज की आंख चुंधिया गई और सब शांत हो गया।बाबा श्री काल भैरव का धन्यवाद करते हुए रात्रि पूजन सम्पन्न कर अगले दिन उनको विदा करते समय उनके अपने शब्द “गुरु जी पता नही एक बोझ से मेरे कंधों पर हमेशा कई वर्षों महसूस होता था आज सुबह से मैं एक बोझ मुक्त हो चुका हूँ मुझे ज्ञात नही पर अब मैं निश्चिन्त हूँ आपके आशीर्वाद से मेरा जीवन सुखमय होगा” मैं जय श्री काल भैरव कहते हुए आगे बढ़ गया।एक माह बाद आज मनोज का कॉल आया बहुत खुश था और जीवन मे हुए बदलाव को हर्षोल्लास से मना रहा था।उसको गलतियां न दोहराने की मैने सलाह दी और शुभकामनाएं दी।

Understanding Pitra Dosh: Causes, Remedies, and the Importance of Expert Guidance
Pitra Dosh is a significant concept in Vedic astrology, believed to arise due to the unsettled souls of ancestors. When ancestral karmas are left unresolved, they manifest as obstacles in the descendants’ lives, leading to hardships, illnesses, financial troubles, and mental distress. This blog will delve into the causes of