प्रेम, प्रेम विवाह, विवाह, बंधन, विवाह के पश्चात सम्बन्ध, सन्तानोत्पत्ति इत्यादि सभी एक जीवन के मुख्य पहलू है जिसमें अपूर्णता व्यक्ति को मानसिक रूप से क्षुब्ध करती जाती है और नकारात्मकता को आकर्षित करता है जिस कारण मानसिक, सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक प्रत्येक प्रकार से पीड़ित हो बीमारियों का केंद्र बन जाता है।बजाय भटकने के लाभदायक यह है कि पूर्ण पुरुष को धारण करना चाहिए।कई बार देखा गया किसी ने कुछ कर दिया जिस आपका प्रेमी आपसे दूर हो जाता है।इन परेशानियों का एक ही उपचार है सही ज्ञानी से परामर्श।
ज्योतिर्विद्या एक पुरातन कालीन ईश्वरीय विज्ञान है ।उस परमात्मा के ज्योति पुंज से उपजी एक किरण है जिसे उस ज्योति निकला ज्योतिर्विज्ञान कहा जाता है। इस विद्या में पारंगत सद्गुरूदेव जी के पूर्वज राजा महाराजाओं के गम्भीर परामर्श(CONSULTATION) विचार विमर्श व चिंतन मनन का मुख्य आधार स्तम्भ हुआ करते थे।15 वर्षों से भी अधिक समय से सद्गुरुदेव श्री तारामणि जी ,श्री काल भैरव आश्रम से अपने पूर्वज परम्परा को आगे रखते हुए सभी आये हुए कष्ट व भटके हुए लोगो का मार्ग निर्देशन कर रहे हैं।
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वर्तमान समय की भीड़ ने अपने संस्कारों पूजा पद्दति गुरु परम्परा पूर्वजो पितरों माता पिता का सम्मान एवं सम्मान कि परम्पराओं को मात्र औपचारिक कर दिया है।जिस कारण अनेक पारलौकिक कष्ट व्याधियां इत्यादि अपना बल ज्यादा लगा पा रही हैं।सद्गुरुदेव श्री तारामणि जी द्वारा सभी पारलौकिक पीड़ाएं अर्थात भूत-प्रेत बाधा,जिन्न,खबीस,राक्षस,पिशाच, पिशाचिनी, यक्ष,किन्नरी,पितृ बाधा,नकारात्मक शक्ति द्वारा बंधन,कोख बंधन,बुद्धि बंधन,साधना सिद्धि गद्दी बंधन इत्यादि सभी प्रकार के बंधनों का सटीक उपाय दिया व कराया जाता है।
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हमारे 20 वर्षों के अज्ञात शक्तियों अर्थात भूत प्रेत पिसाच राक्षस जिन्न या कोई भी कष्ट शमशान के उग्रतम हवन के माध्यम सेश श्री काल भैरव आश्रम में सद्गुरूदेव जी द्वारा समूल नष्ट कर दिया जाता है।घर में बदबू,कंधों व एड़ियों में दर्द रहना,बाल खाने में आना,बिजली के उपकरण खराब होते रहना,उन्नति न होना कलह बने रहना ये सभी बताते हैं कि आपके जीवन में पारलौकिक कष्ट है जिसका यह अघोर हवन ही एक मात्र उपाय है।
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प्रचंड #भैरव पाप विध्वंस अघोर #तीव्र_हवन#आश्रम_में_आकर_या_घर_से_ही_संकल्प_लेके_करें#हवन:-- सनातन संस्कृति में सनातनीयों द्वारा नियमित "हवन अथवा यज्ञ" से सर्वशुद्धिकरण एवं अपने ईष्ट को प्रसन्न करके उनका #आशीर्वाद प्राप्त करने का ये अद्भुत एवं अलौकिक कर्मकाण्ड हैं!प्राचीनकाल में #सनातन #संस्कृति अनुसार हवन कुण्ड की अग्नि में हवि की आहुतियों
प्रचंड #भैरव पाप विध्वंस अघोर #तीव्र_हवन#आश्रम_में_आकर_या_घर_से_ही_संकल्प_लेके_करें#हवन:-- सनातन संस्कृति में सनातनीयों द्वारा नियमित "हवन अथवा यज्ञ" से सर्वशुद्धिकरण एवं अपने ईष्ट को प्रसन्न करके उनका #आशीर्वाद प्राप्त करने का ये अद्भुत एवं अलौकिक कर्मकाण्ड हैं!प्राचीनकाल में #सनातन #संस्कृति अनुसार हवन कुण्ड की अग्नि में हवि की आहुतियों द्वारा प्राणी अपने इष्ट-आराध्य को #भोग चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न कर उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करके अपने समस्त कष्टों से मुक्त होकर सुखमय जीवन यापन करता था,परन्तु आधुनिक युग का भौतिक प्राणी नियमित हवन प्रथा को नकार कर जाने-अनजाने में अनगिनत शारिरिक, मानसिक एवं आर्थिक #कष्टों को भोग रहा है , तथा साथ ही साथ भयग्रस्त जीवन भी यापन कर रहा है , जिससे उसकी सांसारिक एवं आध्यात्मिक #उन्नति बिल्कुल ही रूक-सी गई है !सनातन प्रेमियों को ऐसी कष्टमय एवं भटकाव भरी जीवनशैली से मुक्त कराने हेतु "साक्षात भैरव स्वरूप सदगुरूदेव डॉ. श्री तारामणि भाईजी" अपने मार्गनिर्देशन में "श्री काल भैरव आश्रम" (#लखनऊ) में "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" का शुभारंभ करने जा रहे हैं, जिसमें प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से उपस्थित समस्त प्राणीयों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आने शुरू हो जाएंगे !"#अघोर तीव्र हवन"::-- 'सदगुरुदेव डॉ. श्री तारामणि भाईजी' के मार्गनिर्देशन में प्रारंभ होने जा रहे "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में अत्यंत ही गुप्त एवं तीव्र मन्त्रों तथा दुर्लभ हवन सामग्री के साथ शुद्ध मदिरा की #आहुतियां भी #अर्पित की जाएगी जिसके फलस्वरूप समस्त सांसारिक जीवन यापन कर रहे प्राणीयों ओर आध्यात्मिक यात्रा कर रहे साधकजनों को शीघ्र ही मनोवांछित फल प्राप्त होंगे !"#प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" आखिर समस्त जीवों के लिए अत्यंत आवश्यक क्यों है ? जानिए::-- आध्यात्मिक यात्रा कर रहे साधकों के लिए ::-- #शिवमहापुराण में भैरव को परमात्मा #शंकर का ही पूर्णरूप बताते हुए लिखा गया है -भैरव: पूर्णरूपोहि शंकरस्य परात्मन:।मूढास्तेवै न जानन्ति मोहिता:शिवमायया॥ साधना मार्ग से परम् की प्यास बुझाने को आतुर साधकों को अपने साधना मार्ग में सफलता हेतु 'भगवान भैरवजी' की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना नितांत आवश्यक होता है, चाहें वो साधक किसी भी पंथ या संप्रदाय का अनुसरण करने वाला ही क्यों ना हो , क्योंकि समस्त साधनाओं के केन्द्र में #भगवान भैरवजी ही विराजमान हैं । भगवान भैरवजी को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के इच्छुक समस्त साधकों को "श्री काल भैरव आश्रम-लखनऊ" में आरम्भ होने जा रहे "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में अवश्य ही उपस्थित होना चाहिए, ताकि भगवान भैरवजी के आशीर्वाद से सभी परम् प्यासों का साधना मार्ग प्रशस्त हो जाएं , तथा भगवान भैरवजी के आशीर्वाद से साधक अपनी साधना से समस्त प्रकार के भय से मुक्त होकर ओजवान बन सकें, तथा परम् की यात्रा पूर्ण कर सकें !
सांसारिक जीवन यापन करने वालो के लिए ::-- आधुनिक युग में जो प्राणी गृहस्थ जीवन यापन कर रहे है, वें लगभग सभी अपनी #मूलभूत आवश्यकताओं एवं सुविधाओं की पूर्ति हेतु अपने लाखों प्रयासों को करने के बावजूद भी शारीरिक एवं मानसिक तनाव में अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं , तथा कुछ ऐसे भी प्राणी है जिन्हें समस्त #ऐश्वर्य प्राप्त है परन्तु उसे खोने के डर से तथा अंजाने ही किसी भय से ग्रस्त होकर अपना जीवन कष्टमय यापन कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उसके पीछे छुपे गुप्त कारणों को जानना नहीं चाहता है, परन्तु यदि कोई इन समस्याओं के गूढ़ में जाकर देखेगा तो पाएगा कि प्राणी जो कुछ भी कष्ट भोग रहा है उसके पीछे का मूल कारण उसके अपने प्रारब्ध कर्मों का फल है जिसे वो इस जन्म में भोग रहा है !परन्तु यदि कोई सांसारिक प्राणी वास्तविक रूप से भयमुक्त होकर सुखमय जीवन यापन करना चाहता है तो उसे "भगवान भैरवजी" को अवश्य ही प्रसन्न करना चाहिए, क्योंकि भय का हरण करने वाले भगवान भैरवजी ही है जो अपने प्रियों के लिए भयमुक्तता के साथ अन्न-धन के भण्डार भी खोल देते हैं, ओर यदि जो प्राणी भगवान भैरवजी के शरण में आ जाए तो उसके जन्मोंजन्म के पाप कर्म भी दूर हो जाते हैं।अतः ऐसे समस्त सांसारिक जो भयमुक्त होकर सुखमय जीवन यापन करना चाहते हैं, उनको "श्री काल भैरव आश्रम-लखनऊ में आरम्भ होने जा रहे " प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में अवश्य ही उपस्थित होना चाहिए !
शारीरिक एवं मानसिक बिमारी से मुक्ति ::-- आधुनिक भागदौड़ भरी जीवनशैली तथा दुषित वातावरण के कारणों से प्राणी बहुत-सी शारीरिक एवं मानसिक बिमारीयों से ग्रसित हो गया है, तथा दिन-ब-दिन नयी-नयी संक्रमित बीमारियों के उत्पन्न होने से समस्त मनुष्य जाति में भय का माहौल बन गया है। अतः इस प्रकार की घातक समस्याओं से निजात पाने हेतु हमारे सनातन संस्कृति में हवन का बहुत बड़ा महत्व है, क्योंकि जहां पर हवन होता है वहां का वातावरण पूर्णतया शुद्ध एवं प्राकृतिक रहता है, इसलिए यदि कोई प्राणी हवन क्षैत्र में रहता है तो वह प्राणी सतप्रतिशत सकारात्मक आभामंडल के सुरक्षा चक्र में उपस्थित होता है, जिसे किसी प्रकार की बिमारी नकारात्मकता ग्रस्त नहीं कर सकती हैं, तथा इस पर भी यदि हवन "भगवान भैरवजी" से संबंधित "अघोर तीव्र हवन" हो रहा है तो उसका महत्व तो हजार गुना अधिक प्रभावशाली होता है, क्योंकि भगवान भैरवजी के अघोर हवन में प्रयुक्त होने वाली सामग्री तथा गुप्त मंत्रों का ऊर्जा मण्डल पूर्णतः अलौकिकता व सकारात्मकता का भंडार होती है । अतः ऐसे समस्त प्राणी जो शारीरिक एवं मानसिक बिमारीयों से ग्रस्त हैं उन्हें तो "श्री काल भैरव आश्रम-लखनऊ" में आरम्भ होने जा रहे "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में अवश्य ही उपस्थित होना चाहिए ! महिलाओं को भयमुक्त तथा सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने हेतु ::-- जहां एक तरफ नारि को देवी तुल्य समझा जाता है वही दुसरी ओर पुरुष प्रधान मानसिकता वाली समाज द्वारा महिलाओं पर सदैव ही अधिकार जमाने तथा उन्हें दबाने के प्रयास ही किए गए है, तथा पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं के लिए उनके भीतर भयग्रस्त एवं अपमानजनक जीवन यापन करने का माहौल बनाया हुआ है , इतिहास में भी ऐसे अनगिनत उदाहरण मौजूद है जिसमें पुरुष प्रधान समाज ने सदैव उन पर अनगिनत अत्याचार ही किए हैं , इसकारण से नारि समाज अपने आप को समाज में असहज महसूस करता है, ओर तो ओर आधुनिक युग में भी महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने का दावा करने वाली पुरूष प्रधान समाज आज भी उन्हें अपना गुलाम समझ प्रताड़ित एवं अपमानित करने की पूरजोर कोशिश कर रहा है, इसलिए आए दिन खबरों में महिलाओं पर अत्याचारों का काला सच सभी के सामने उजागर होता ही रहता है।अतः महिलाओं को अपने जीवन से भयमुक्ति ओर उनकी अपनी दैवीय शक्तियों को जागृत करने हेतु उनको तो विशेषकर "भगवान भैरवजी" की उपासना करनी ही चाहिए, क्योंकि 'भगवान भैरवजी' की साधना करने से महिलाओं को समस्त प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है तथा उनमें दैवीय ऊर्जा का तेज़ प्रबल हो जाता है, जिसके कारण उन्हें कोई भी प्रताड़ित या अपमानित करने का विचार तक अपने ज़ेहन में नहीं ला पाएगा !तथा जो भी प्राणी एक "#भैरव_साधिका" के समक्ष उसके मनोबल को तोड़ने का प्रयास मात्र भी करेगा इसका उल्टा वो प्राणी स्वयं "भैरव साधिका" तेज़ के आगे अपने आप को एक शक्तिहीन प्राणी ही महसूस करेगा ! अतः महिलाओं को तो अवश्य ही "भगवान भैरवजी" की कृपा प्राप्ति एवं आशीर्वाद हेतु "श्री काल भैरव आश्रम- लखनऊ" में आयोजित होने जा रहे आगामी "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में उपस्थित होना चाहिए !
#तंत्र_बाधा मुक्ति हेतु :-- ऐसे सभी प्राणी जो सांसारिक जीवन यापन कर रहे हैं या आध्यात्मिक यात्रा कर रहे हो, लेकिन जिन्हें लगता है कि उन पर किसी ने तंत्र प्रयोग कर दिया है जिसके कारण उनकी शारीरिक, मानसिक, आर्थिक या आध्यात्मिक उन्नति रूक-सी गई है, अथवा जो प्राणी किसी भूत-प्रेत इत्यादि के भय से ग्रसित हैं, उन सभी को तो अवश्य ही "भगवान भैरवजी" की उपासना करनी ही चाहिए क्योंकि "भगवान भैरवजी ही तंत्र के सम्राट है", ओर एक बार जब उन्हीं की शरण में आ जाएंगे तो किसी भी प्रकार का कोई तंत्र प्रयोग कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।अतः ऐसे समस्त प्राणी जो तंत्र बाधा से मुक्त होना चाहते है तथा जो भगवान भैरवजी को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें तो "श्री काल भैरव आश्रम- लखनऊ" में आरम्भ होने जा रहे "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में अपनी उपस्थिति अवश्य ही दर्ज करानी चाहिए ही ताकि आगे का जीवन सुखमय तथा भयमुक्त यापन कर सकें !
#बच्चों एवं युवाओं के लिए ::-- अक्सर यह देखा गया है कि छोटे बच्चों को नज़र दोष या ऊपरी बाधा की समस्या हो जाती है, जिससे बच्चे की शारीरिक एवं मानसिक उन्नति रूक-सी जाती है, तथा आजकल ऐसे अनगिनत युवाओं को भी देखते हैं जो शिक्षित होते हुए भी #बेरोजगार हैं या भटकाव भरी जीवनशैली ज़ी रहे हैं, उन्हें पता ही नहीं है कि उनका लक्ष्य क्या है ? अतः ऐसे बच्चे जो बारम्बार नज़र दोष या ऊपरी बाधा की समस्या से ग्रस्त हैं , उनके माता-पिता अपने बच्चे के साथ प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से आगामी "श्री काल भैरव आश्रम -लखनऊ" में प्रारंभ होने जा रहे "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में शामिल होकर तथा भगवान भैरवजी के आशीर्वाद स्वरूप हवन की जाग्रत भस्म पाकर अपने बच्चे की नज़र दोष या ऊपरी बाधा वालीं समस्या से हमेशा के लिए मुक्ति पा सकते हैं, तथा अपने बच्चे को शारीरिक एवं मानसिक उन्नति प्रदान कर सकते हैं, तथा जो युवा बेरोजगार हैं तथा भटकाव भरी जीवनशैली ज़ी रहे हैं , वै सभी भी प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से "श्री काल भैरव आश्रम -लखनऊ" में आरम्भ होने जा रहे "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में अपनी उपस्थिति दर्ज करके भगवान भैरवजी से रोजगार स्वरूप आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं अथवा उज्जवल भविष्य के मार्ग की ओर अग्रसर हो सकतें हैं, ताकि वो अपने माता-पिता के सपनों को साकार कर सकें और देशहित के कार्य में सफलता हासिल कर सकें !इसीलिए सांसारिक जीवन यापन करने वाले हो या आध्यात्मिक यात्रा कर रहे साधक हो , सभी के लिए "श्री काल भैरव आश्रम-लखनऊ"द्वारा आरंभ होने जा रहे आगामी "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में उपस्थित होना अतिमहत्वपूर्ण एवं आवश्यक है !अधिक जानकारी हेतु नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके पूर्ण विडियो अवश्य देखें:-https://youtu.be/wXTRNIgjJu4यदि आप भी अपने समस्त शारीरिक, मानसिक, आर्थिक कष्टों से मुक्त होकर भयरहित जीवन यापन करना चाहते हैं अथवा आध्यात्मिक यात्रा में परम् की प्यास बुझाने को आतुर है तो "श्री काल भैरव आश्रम -लखनऊ" में प्रारंभ होने जा रहे "प्रचंड भैरव पाप विध्वंस अघोर तीव्र हवन" में अपना रजिस्ट्रेशन कराकर अवश्य ही उपस्थित हो जाएं, रजिस्ट्रेशन हेतु सम्पर्क करें :--
"सदगुरुदेव डॉ. श्री तारामणि भाईजी"{Enlightened Master}'श्री काल भैरव आश्रम (लखनऊ)WhatsApp:- 9919935555Site:- www.kaalbhairava.in
जयश्री कालभैरव
किसी भी प्रकार के तंत्र प्रयोग या तंत्र काटने या किसी भी दुष्ट को दंड देने हेतु श्री काल भैरव हमेशा ततपर रहते हैं शर्त बस इतनी है कि आप सत्य हो।उसी श्रृंखला में एक बहुत तीव्र प्रयोग पीड़ित व्यक्ति मेरे संपर्क में आये जिस समय मेरे समक्ष उनका फ़ोटो रखा गया था उसी समय उन से संबंधित प्रयोग और इन व्यक्ति की पीड़ा का आभास मेरे समक्ष दृश्य हो गया थ
किसी भी प्रकार के तंत्र प्रयोग या तंत्र काटने या किसी भी दुष्ट को दंड देने हेतु श्री काल भैरव हमेशा ततपर रहते हैं शर्त बस इतनी है कि आप सत्य हो।उसी श्रृंखला में एक बहुत तीव्र प्रयोग पीड़ित व्यक्ति मेरे संपर्क में आये जिस समय मेरे समक्ष उनका फ़ोटो रखा गया था उसी समय उन से संबंधित प्रयोग और इन व्यक्ति की पीड़ा का आभास मेरे समक्ष दृश्य हो गया था ।इन व्यक्ति के सारे शरीर में फोड़े बड़े बड़े हो गए थे जो डॉक्टरी इलाज से ठीक नही हो रहे थे ,एक पैर में एक्सीडेंट हुआ था अभी पट्टियां खुली भी नही की उसी जगह फिर से एक्सीडेंट हुआ और इस बार हड्डी टूटी एक महीने में उसी जगह फिर से एक्सीडेंट हुआ और पैर की उँगली कट के गिर गई ,फिर धीरे धीरे पैर सड़ने लगा और डॉक्टर ने पैर काटने की नौबत आ गई थी। बाल गिरने लगे इत्यादि इत्यादि। लगभग वर्षभर से असहाय होने के कारण आर्थिक रूप से भी समाप्त हो चुके थे। मेरे एक मित्र ने इनका फोटो मुझे दिखाया तो सारा मामला समझ आ चुका था और उसका निवारण भी। मैंने उनको एक शुभ दिवस आने को कहा ।इस बीच मैं अपने स्तर पे उस व्यक्ति की #tantra_scanning शुरू कर चुका था और जिन जिन शक्तियों के प्रभाव से वह व्यक्ति पीड़ित थे उनके सभी जन्मकुंडली निकाल ली ,उन सबपे दृष्टि पड़ने से वो अपने हाल को ले के सचेत और परेशान हो चुकने के बाद उस व्यक्ति पे ज़ोर और बढ़ा चुके थे ,जिस वजह से उन व्यक्ति की पीड़ा बहुत बढ़ गई।इस बीच मैने मित्र के माध्यम से एक बाबा श्री काल भैरव अभिमंत्रित जल उनपे छिड़कने और पीने हेतु भेज दिया जिसमें मेरे द्वारा किये कई श्री काल भैरव होम की राख भी मिलाई गई थी । अब वो शुभ दिवस आ चुका था जिसमे इनका कल्याण होना लिखित था और ठीक उसी दिन उनकी बहुत ज्यादा तबियत खराब होने के कारण वो न् आ सकने की स्थिति में हो गए। इधर मैने सारी व्यवस्था पूर्ण कर ली थी और इस स्थिति से मैं अवगत था पहले से की ऐसा होगा। मैंने अपने "श्री काल भैरव होम" को करने की तैयारी शुरू कर ली और इसी में मेरे अपने स्वरूप में अत्यंत क्रोध व नस नस में लाल गरम ज्वाला का संचार होने लगा चारों तरफ बस नाश विनाशकारी ऊर्जाओं का तांडव मेरे आस पास नृत्य करने लगा जिनको बस एक इशारे की प्रतीक्षा थी । अचानक से वो व्यक्ति मेरे मित्र के साथ स्थान पे लड़खड़ाते हुये आ गए और उनको बड़ी मुश्किल से उनके स्थान पे बिठाया गया। मैं मेरे बाबा श्री काल भैरव की ऊर्जा में मदमस्त ,धुएं, अग्नि ,के बीच से होते हुए ऊर्जाओं के नाटक को ताकते हुए अपने होम कर्म में मस्त था ।क्योंकि मेरी बयार भोग को आतुर अपने विभत्स रूप के चरम पे थी जिसको रोक पाने की उस केंद्र की अमानवीयता नही कर सकता था।होम की अग्नि अपने चरम तक जा चुकी थी और उसके धुएं ने उस व्यक्ति के चारों ओर एक बवंडर बना लिया था वो बेहोश हो सशरीर कराहते हुए झटके मार रहा था और मेरी आग उसकी पीड़ा संबंधित ऊर्जाओं शक्तियों को जला जला एक एक कर भस्म कर धुंआ कर रही थी।इस पूरे होम स्थान की ऊर्जा इतनी तीव्र थी कि कोई भी इस "श्री काल भैरव महाराज" की शक्ति बयार के आगे धुंआ होने को ही आता।
यह रात्रि 12 बजे से प्रारंभ हुआ होम 2:30 तक अपने चरम पे था अचानक एक ज़ोर के आंखों को चौंधियाने वाले प्रकाश धमक ने असंख्य शक्तियों के इस बवंडर को शांत कर होम अग्नि को संयमित कर दिया और धीरे धीरे कोई हुँकारने वाला भीतर में जैसे तृप्त हो
शांति को उपलब्ध हो उस व्यक्ति के होम राख से तिलक करने पहुचा और जैसे उस व्यक्ति के मृत शरीर में जीवन ऊर्जा का संचरण हुआ और एक बदबूदार काला धुंआ उसके शरीर से दूर हुआ । अब उसका शरीर शीतल और शांत था।उसको विदा कर अपने पूजा इत्यादि का समापन कर मैं रात्रि वही बिताने के बाद अपने स्थान चला गया।प्रातः जब उनसे वार्ता हुई तो जितनी गांठे और फोड़े थे ,शरीर का नीलापन सब समाप्त हो चुका था ।अब जो नुकसान शरीर को हो चुका था वो तो ठीक नही हो सकता किन्तु अब उनका कष्ट समाप्त था ।सामान्य डॉक्टरी इलाज चलता रहा और अब दवाइयों के प्रभाव भी शरीर पे दिखने लगे थे अन्यथा के case में मैने देखा है कि दवाई शरीर पे असर भी नही करती जब कोई तीव्र प्रयोग हो । आज इस बात को कुछ दिन ही बीते है किंतु रोज उनका कॉल आ जाता है और उनकी वाणी में पाई जाने वाली जीवेषणा जो पहले न् थी, सुन के अत्यंत भावुक हो जाता हूँ।उनके स्वस्थ समृद्ध जीवन की कामना करता हूँ।
भगवान श्री काल भैरव सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखे
ज्योतिर्विद व ध्यान मार्गदर्शक पं. श्री तारामणि जी
(ज्योतिषीय परामर्शक,ध्यान मार्गदर्शक,पारलौकिक रहस्यविद,मृतात्मा सम्पर्ककर्ता)
[इष्ट सिध्दि साधना,त्राटक साधना,यक्षिणी साधनाओ में सफलता हेतु संपर्क करे]
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9919935555
#काल_भैरव में प्रवेश करते ही दूर उस #काल_भैरव की धमक छाती को आंदोलित करती है और सामान्य जन व साधक सभी के कष्टों को हर लेती है। मेरा #उज्जैन #काल_भैरव समीप कई वर्षों का अनुभव रहा है ।यहां उनके समीप कोई भी तांत्रिक वैदिक कर्म उनकी प्रेम दृष्टि मात्र से ही समाप्त हो जाता है।कई लोग #पित्र_दोष पीड़ित मनुष्यो को इस दो
#काल_भैरव में प्रवेश करते ही दूर उस #काल_भैरव की धमक छाती को आंदोलित करती है और सामान्य जन व साधक सभी के कष्टों को हर लेती है। मेरा #उज्जैन #काल_भैरव समीप कई वर्षों का अनुभव रहा है ।यहां उनके समीप कोई भी तांत्रिक वैदिक कर्म उनकी प्रेम दृष्टि मात्र से ही समाप्त हो जाता है।कई लोग #पित्र_दोष पीड़ित मनुष्यो को इस दोष से सदैव के लिए मुक्ति मिल चुकी है।इस शिविर में मैं विशेषतः सिर्फ #पित्र_दोष से पीड़ित लोगों के लिए ही आ रहा हूँ जिसमें सर्वप्रथम उनकी कुंडली और उनकी ऊर्जा को #तंत्र_स्कैनिंग माध्यम से पित्र दोष विश्लेषण और फिर उनके #पित्रो की #आत्माओं का #आह्वाहन (क्योंकि मेरा अशरीरी आत्माओं से बहुत ही सहज संपर्क हो जाता है) फिर उनसे उनकी अंतिम कामनाओं व इच्छाओं का ज्ञात कर जातकों को बताया जाएगा फिर रात्रि तांत्रिक अनुश्ठान फिर अगले दिन प्रातः
#रुद्राभिषेक कराया जाएगा ।
यह ऐसा विधान है जिसमे इस कलयुग में मात्र ऐक यही संयुक्त वैदिक व तांत्रिक विधान ही उन अतृप्त आत्माओं को आगे की गति के लिए धक्का दे सकता है।
कई अनुभवों में देखा गया कि जातक के द्वारा सभी कर्म कराए गए किन्तु पित्र दोष से मुक्ति नही मिली ऐसी स्थिति में मात्र यही संयुक्त विधान ही अंतिम उपाय है।
जब परिवार के किसी #पूर्वज की #मृत्यु के पश्चात यदि उसका अंतिम संस्कार विधिवत नही किया जाये या उनकी कोई इच्छा अधुरी रह जाये तो पितृ या पूर्वज #प्रेत योनि में प्रवेश कर जाते हैं जिससे उस परिवार को काफी कष्ट उठाना पडता है ।
यह कष्ट #पितृ_दोष के रुप मे जातक की कुंडली मे झलकता है।
लक्षण :-
#वंश का आगे न बढ़ना,
#आपके या परिवार में बच्चों के विवाह न होना,
#परिवार में कलह क्लेश नकारत्मकता उदासीनता ,
#वैवाहिक जीवन मे कलह,
#परीक्षा मे असफलता,
#व्यापार बाधा,
#षड्यंत्र,
#नशे की लत,
#नौकरी ना लगना या लग कर छुट जाना,
#गर्भपात या गर्भधारण की समस्या,
#बच्चों कि अकाल मृत्यु,
#मंदबुद्धि बच्चों का पैदा होना ,
निर्णय ना ले पाना,
अत्यधिक #क्रोधी होना,
जीवन में प्रेम सुख आनंद का अभाव ।
उपरोक्त लक्षण सांसारिक व गृहस्थ जीवन जीने वालों हेतु शास्त्रोक्त लक्षण हैं ।
एक साधक, जो साधना के मार्ग पे आगे बढ़ गया उसके जीवन में पितृ दोष होने की वजह से उसकी #साधना #अनुष्ठान का बार बार भंग हो जाना, साधना में सिद्धि न मिलना, चेहरे पे तेज का न होना, नीच साधनाओं की तरफ आकर्षण बढ़ना ।
ऐसे में पितृ दोष न सिर्फ एक सुखी सांसारिक व गृहस्थ जीवन बर्बाद कर देता साथ में वो साधक की साधना में भी भयंकर रूप से बाधक है ।
पितृ इतना कष्ट इसलिये देते हैं कि आप उन्हें स्मरण करें और आपकी लापरवाही , मृत्योपरांत के संस्कारों को अच्छे से न करना या संस्कार करने वाले #ब्राह्मण #पुरोहित की तरफ से लापरवाही हो जाना जीससे पितृ की गति रुक जाती है और वो अपनी अतृप्त इच्छाओं की वजह से अपने परिवार से जुड़ा रहता है और प्रेत योनि में चला जाता है ।
और आप जब हर जगह से हर उपाय से हार जाते हैं तब अपनी जड़ों की तरफ मुड़ते हैं, इसको ऐसे समझिये की अगर स्त्री को #गर्भधारण नहीं हो रहा है तो लाखों रुपये खर्च कर देती है #हॉस्पिटल में साथ में दिशाहीन पूजा पाठ में मानसिक व #आर्थिक कष्ट झेलती है एक पुत्र की चाह में और जब #विज्ञान हार जाता है तब आपको #धर्म का स्मरण होता है ।
पितृ दोष से पीड़ित परिवारों व साधकों के कल्याण हेतु की वो पितृ दोष से पूर्णतः मुक्त हो सकें उसके लिये #सद्गुरु "श्री तारामणि जी" के सानिध्य व मार्गदर्शन में पितृ दोष निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा हैशिविर में, #तांत्रिक संस्कारों के माध्यम से आपके पित्रों का आह्वाहन किया जायेगा , जो ये बताएंगे कि क्या करने से वो वंश को पितृ दोष से मुक्त कर देंगे, उसके बाद उनकी शांति व पुण्य गति और परिवार में सुख समृद्धि हेतु #वैदिक संस्कार सम्पन्न #रुद्राभिषेक का आयोजन होगा ।
#महाकाल की नगरी उज्जैन में पितृ निवारण संग रुद्राभिषेक का अपना महात्म्य है जिसकी जितनी व्याख्या की जाय कम है ।
इस शिविर में स्वयं को, स्वयं के परिवार व स्नेही मित्रों को पितृ दोष से मुक्त कराने हेतु आप निम्नलिखित नॉ पे संपर्क कर अपना रजिस्ट्रेशन अति शीघ्र करा लें ।
मृतात्माओं से मेरा संपर्क(#पितृ_दोष मुक्ति शिविर)
ऐसे अनेक कारण हैं जिन वजहों से हमारे जीवन में अनेक कष्टों का आना होता है जिसमे से एक अत्यंत कष्टपूर्ण दुखदायी दोषपूर्ण स्थिति पितृ दोष है। #पितृ_दोष के जातक को कष्ट उठाने पड़ सकते हैं जैसे विवाह ना हो पाना, विवाहित जीवन में कलह , परीक्षा में असफलता , नशे की लत लगना, नौकरी का ना लगना या छूट
मृतात्माओं से मेरा संपर्क(#पितृ_दोष मुक्ति शिविर)
ऐसे अनेक कारण हैं जिन वजहों से हमारे जीवन में अनेक कष्टों का आना होता है जिसमे से एक अत्यंत कष्टपूर्ण दुखदायी दोषपूर्ण स्थिति पितृ दोष है। #पितृ_दोष के जातक को कष्ट उठाने पड़ सकते हैं जैसे विवाह ना हो पाना, विवाहित जीवन में कलह , परीक्षा में असफलता , नशे की लत लगना, नौकरी का ना लगना या छूट जाना,संतान की समस्या, बच्चे की #अकाल_मृत्यु या #मंदबुद्धि होना, निर्णय ना ले पाना, अत्याधिक क्रोधी होना इत्यादि इत्यादि।
पितृ दोष होने के संकेत कुंडली मे अनेक योगों द्वारा किसी अच्छे ज्योतिषी द्वारा ज्ञात कराये जा सकते हैं।किंतु उसकी गहराई में किसी पारलौकिक रहस्यविद या #मृतात्मा #सम्पर्ककर्ता द्वारा अपने पितरों से संपर्क साध उनके संदेश प्राप्त कर उनकी अंतिम इच्छा या कामना को संतुष्ट कर उनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है।यह मेरे स्वयं के कई व्यक्तियों के साथ घटे अनुभवों के आधार पे प्राप्त प्रमाण, सत्यापन है। ऐसे ही एक घटना का अनावरण आज करने का आया है तो आपके समक्ष रख रहा हूँ।
एक मित्र के वर्षों पहले भारत छोड़ विदेश बस गए थे ,बहुत प्रिय मित्र थे किंतु काफी वर्षो से संपर्क में नही थे। एक दिवस प्रातः 4 बजे मैं अपने नित्य कर्म को कर रहा था तभी एक अजीब से कंप्यूटराइसड नम्बर से मिस कॉल आया ।
पुनः एक न्यूज़ीलैंड के न. से कॉल आया तो सोचा कही बाहर से किसी पीड़ित का होगा, उठाते ही एक रोती हुई कातर हृदय विदारक ध्वनि ने मेरी आँखों में आंसू ला दिए ,उस ध्वनि के उठने का शब्द था "भाई", कितना प्रेम भरा शब्द है न भाई ? इसी लिए मैंने यह शब्द अपने नाम से जोड़ा कि कोई गुरु माने भी पर "भाई जी" की निकटता से बहेमेरे संग।
खैर वह "भाई" की गला रूंधने वाली ध्वनि ने सब सामने प्रकट कर दिया कि कौन और क्या ।
मैंने अपने भावों को संभालते हुए उस से कहा, कहाँ थे इतने वर्ष आज इस समय कैसे याद किया? उसने अपनी सारी कहानी रोते रोते बताई।
वह था न्यूज़ीलैंड मे बहुत ही सभ्रांत अरबों खरबों का व्यापार दुनिया भर में चलाने वाला आज उसका सब रास्ते पे आ चुका था । पांच कंपनियां चलाने वाला व्यक्ति सभी कंपनियों से हाथ धो बैठा, पत्नी बच्चे सब छोड़ गए सारे मकान बिक गए एक किराए के कमरे में मुह छुपा के बचे कुचे चंद रुपयों से जीवन भयानक ऋणात्मकता के बीच समाप्त करनी की सोच चुका था ।तभी एक दिन भारत से उसके किसी जानने वाले ने उस से बात कर मेरे बारे में बताया ।
एक बात का तो बड़ा आनंद है कि जीवन भर लोग इस रहस्यमय मार्ग की बुराई करते और ढोंग है पाखण्ड है और सिर्फ विज्ञान है यह सब कहते कहते नही थकते वो अपने असली औकात में आते ही नाक रिगड़ते दिखते हैं और तब सब मानते है भगवान भी होगा ज्योतिष भी तंत्र भी आत्माएं भी तब सब होता है ।
वह मित्र सभी रास्तों से हतास हो जब मुझसे हल जानने की जिज्ञासा लिये गिड़गिड़ाए तो जैसे अचानक से उस महाक्रोधी की अग्नि ने मेरे मुख से सारा का सारा लावा बाहर फेंक दिया, उस लावे में लिपटे शब्दो की अग्नि से उस की आत्मा दहल गई और दहाड़ा और दहाड़ के अट्टहास भरे शब्दो मे कहा "क्यों आ गया औकात पे, कैसे हैं तेरे माँ बाप दादा दादी पूछा 20 वर्षो से तूने उनका हाल।" और जैसे इस ज्वलंत आंधी के पश्चात की शांति की आंधी ने सब रहस्यों का उद्घाटन कर दिया हो। मित्र फूट फूट के रोने लगा ,जैसे वर्षों से अहंकारिता की सर्वोच्च गद्दी पे बैठा कोई लुढक लुढक के गिर रहा हो आंखों से।इधर मैं महाक्रोधी अन्नत करुणामयी भगवान श्री काल भैरव को एक टक ताकता रह गया कि हे भगवान तूने एक ही दहाड़ में उसके सारे बोझ को गिरा दिया भगवान इतनी करुणा
।
इसके पश्चात सब शांत होने के बाद मैंने जब उसके हालातों पर दृष्टिपात किया तो पाया इस मित्र ने अपने माता पिता और दादा दादी की जीवित रहते खूब बेकदरी करी और इन बेकदरियो से हुई मृत्यु को प्राप्त उनकी गति बहुत ही दयनीय थी। जब उनके पितरों से आगे के लिए आशीर्वाद व माफी की मांग की गई तो पूरे के पूरे पित्र समूह सभी क्रुद्ध देवी देवताओं के सामूहिक ऊर्जा रूप में सब कुछ नष्ट करने को आतुर थे।और यह उन्ही के कोप के कारण ही इस घर की पूरी इमारत ध्वस्त हो गई।
किसी एके दिन अपने मित्र को यह सब बताया और अब उसके आंसू भी सूख चुके थे इस अपराध बोध से वह कराह रहा था। तभी भगवान श्री काल भैरव ने कानों में आके कहा कि इसका पिता देखो कैसे करुणा से पिघल रहा है वह उम्मीद की किरण है इसकी आखिरी। मैने त्वरित गति से उसके पिता से संवाद करना शुरू करा और बहुत मान मनौउत्ल के पश्चात वह पिघले और क्यों न मानते उनका ही घर था जो बर्बाद हो गया। कुछ उन्होंने गुप्त, पितृ के शांति हेतु कर्म बताये जो मैंने उस मित्र से कराए। सब सामान्य से रहा कुछ दिनों वही गरीबी फटे हाल जीवन। किन्तु एक दिन उसकी पत्नी उसे मिली उसने उसकी हालत देख उसे साथ ले लिया। उसी समय उसने कहा मुझे माता पिता दादा दादी की फ़ोटो चाहिए वह व्यवस्था हुई और उसने सबके फ़ोटो पे #पुष्प इत्यादि अर्पित कर उनके प्रिय #मिष्ठान बनवाये और दान करवाये स्वतः ही मैने नही कहा। अचानक अगले दिन रास्ते में किसी गाड़ी से वह टकराया और जिस से टकराया वह कभी उसका पुराना व्यापार का मित्र था उसने उसे नौकरी पे रखा।धीरे धीरे सब सामान्य होने लगा अब वह इस समय अरब पति तो नही परन्तु वह भीतर से और बाहर से पूर्ण अमीर हो चुका जीवन व्यतीत कर रहा है।
यह है पितरों की माया, प्रियों ।
जीवित और जीवनोपरांत ऐसा कुछ भी नही जो छुपा हो सब यहीं है और सबका हिसाब होता है।
भय से नही परंतु अपने हृदय की प्रेमपूर्ण गहराइयों से अपने पितरों का तर्पण श्राद्ध कर्म करें कराएं।
वो सब आपके अपने हैं ।
सदगुरुदेव 22 जून से 24 जून उज्जैन में सिर्फ उनके लिए जिनके जीवन में कष्ट है और कई उपायों के पश्चात भी #पितृ_दोष मुक्त नही हो पा रहे हैं , उपलब्ध होंगे जहां #गुरुदेव स्वयं उन जातकों के पित्रो का आह्वाहन कर उनके अंतिम कामना, अंतिम अटकाव का कारण पूछ कर वह जातक से कर्म करवा के और कुछ विशिष्ट विधियों के माध्यम से #पितृ_दोष #मुक्ति करवाएंगे।
यहां यह बताना आवश्यक है कि सदगुरुदेव श्री तारामणि भाई जी पूर्व में कई पीड़ितों को पितृ दोष मुक्त करा चुके हैं और सभी संतुष्ट जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
जय श्री काल भैरव
ज्योतिर्विद व ध्यान मार्गदर्शक सदगुरुदेव श्री तारामणि भाई जी
(ज्योतिषीय परामर्शक,ध्यान मार्गदर्शक,पारलौकिक रहस्यविद,मृतात्मा सम्पर्ककर्ता)
[इष्ट सिध्दि साधना,त्राटक साधना,यक्षिणी साधनाओ में सफलता हेतु संपर्क करे]
चामुंडा ज्योतिष केंद्र
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